Edelweiss Mutual Fund की प्रबंध निदेशक और सीईओ Radhika Gupta ने यह साबित किया है कि विकलांगता केवल एक सोच का विषय है। Radhika Gupta को “टूटी गर्दन वाली लड़की” के नाम से जाना जाता है। आइए उनके सफर पर गहराई से नज़र डालते हैं। जब सब कुछ गलत लग रहा था, तब उनकी दृढ़ता ने दिखाया कि हम वास्तव में कौन हैं।
राधिका ने कई अस्वीकृतियों और कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा। आज, वह एक सफल नेता हैं जो एक बड़ी कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं। यह केवल एक साधारण वित्तीय कहानी नहीं है। यह चुनौतियों को पार करने, खुद पर विश्वास करने और असंभव को संभव बनाने की कहानी है। बस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और आप हैरान रह जाएंगे।
Radhika Gupta Biography |
Full Name | Radhika Gupta |
Nickname | Mickey |
Date of Birth | September 18, 1983 |
Age | 40 (in 2024) |
Hometown | Gangoh, Uttar Pradesh |
Father | Yogesh Gupta (Indian Foreign Service official) |
Mother | Arti Gupta (Teacher) |
Marital Status | Married |
Spouse | Nalin Moniz |
Children | One son, Remy Gupta Moniz |
Known as | CEO of Edelweiss Group |
Net Worth | Approximately ₹41 crores (in 2023) |
Hobbies | Reading, Traveling |
Education | University of Pennsylvania |
Current Position | MD and CEO, Edelweiss Mutual Fund |
Radhika Gupta: Primary Life
Radhika Gupta का जन्म योगेश गुप्ता के घर हुआ, जो भारतीय विदेश सेवा के एक अधिकारी थे। उन्होंने अपने परिवार के साथ कई महाद्वीपों की यात्रा की है। राधिका का जन्म पाकिस्तान में हुआ, जहाँ जन्म के समय उन्हें कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ा और उनकी गर्दन में चोट आई।
राधिका की माँ, आरती गुप्ता, एक स्कूल की प्रिंसिपल हैं। राधिका ने नलिन मोनिज़ से विवाह किया और उनके एक बेटा है, जिसका नाम रेमी गुप्ता मोनिज़ है। राधिका अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं, जिन्होंने उन्हें ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया।
उनके पिता, जो उत्तर प्रदेश के एक गाँव में जन्मे और बड़े हुए, सिविल सेवा परीक्षा में 7वें स्थान पर आए थे। उन्होंने राधिका को बताया कि गरीबी से बाहर निकलने के लिए हर पीढ़ी को बड़ी मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने उन्हें विदेश में पढ़ाई करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
Radhika Gupta: कैसे हुई गर्दन में समस्या
बचपन में राधिका गुप्ता को अपनी टेढ़ी गर्दन के कारण स्कूल में बच्चों के मजाक का सामना करना पड़ा। उनके पिता एक राजनयिक थे, इसलिए उनकी पढ़ाई कई देशों में हुई। राधिका का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। जन्म के समय कुछ दिक्कतों के कारण उनकी गर्दन में समस्या आ गई थी, जिससे उनकी गर्दन एक तरफ झुक गई। स्कूल में पढ़ाई के दौरान बच्चे अक्सर राधिका का मजाक उड़ाते थे। इससे राधिका को दुख हुआ, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
Radhika Gupta: 33 साल की उम्र में बनीं CEO
कठिनाइयों का सामना करते हुए राधिका गुप्ता ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अमेरिका में कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली। नौकरी पाने में भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। Humans Of Bombay को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 7 बार इंटरव्यू में असफल होने के बाद उनकी हिम्मत टूट गई थी। इस कारण 22 साल की उम्र में उन्हें आत्महत्या का विचार आया।
लेकिन उन्होंने फिर से हिम्मत जुटाई और एक नौकरी पाई। 25 साल की उम्र में राधिका गुप्ता भारत लौट आईं। यहां उन्होंने अपने पति और दोस्त के साथ मिलकर एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी शुरू की। कुछ साल बाद, उनकी कंपनी को एडलवाइस एमएफ ने खरीद लिया। इसके बाद, 2017 में, महज 33 साल की उम्र में वे 9128 करोड़ की कंपनी की सीईओ बन गईं। जनवरी 2023 तक उनकी एसेट मैनेजमेंट फर्म की वैल्यू 1,01,406 करोड़ रुपये हो गई है।
Radhika Gupta: Education
राधिका गुप्ता ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में जेरोम फिशर कार्यक्रम के तहत स्नातक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने 2005 में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस से कंप्यूटर विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री और व्हार्टन स्कूल से अर्थशास्त्र में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।
Radhika Gupta: Career Journey
राधिका गुप्ता ने बताया कि जब वह 22 साल की थीं, तो उन्हें 7वीं नौकरी के लिए आवेदन करने पर अस्वीकार कर दिया गया। इस कारण उन्होंने आत्महत्या का विचार किया, जिससे उन्हें मानसिक रोग वार्ड में भर्ती होना पड़ा और उन्हें अवसाद का सामना करना पड़ा। इस घटना के बाद उन्हें मैकिन्से में नौकरी मिली और उनकी जिंदगी में सुधार हुआ। 25 साल की उम्र में वह भारत लौट आईं और 2009 में अपने पति और एक दोस्त के साथ अपनी खुद की एसेट मैनेजमेंट फर्म की शुरुआत की।
इस फर्म का नाम फोरफ्रंट कैपिटल मैनेजमेंट था, जिसे 2014 में एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने खरीद लिया। 2016 में, राधिका गुप्ता ने एम्बिट अल्फा फंड और जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट के ऑनशोर व्यवसाय के अधिग्रहण में मदद की। राधिका गुप्ता एडलवाइस मल्टी स्ट्रैटेजी फंड्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की प्रमुख थीं और रणनीतिक दिशा में काम कर रही थीं।
प्रारंभिक शुरुआत और संघर्ष
राधिका गुप्ता की जिंदगी की शुरुआत कठिन थी क्योंकि उनका गर्दन जन्म से ही झुका हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे अपने रास्ते में बाधा नहीं बनने दिया। उनका जन्म 14 सितंबर 1983 को पाकिस्तान में हुआ, और उनके पिता एक भारतीय राजनयिक थे, इसलिए वे अपने बचपन में कई देशों में रहीं। उन्होंने दुनिया भर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ाई की, जिससे उन्हें अलग-अलग संस्कृतियों को समझने में मदद मिली। राधिका ने 1999 से 2001 तक रोम के मैरीमाउंट इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की।
राधिका को तकनीक और वित्त दोनों में रुचि थी, इसलिए उन्होंने पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और गणित की पढ़ाई की। इसके साथ ही, उन्होंने प्रसिद्ध व्हार्टन स्कूल से अर्थशास्त्र में डिग्री भी प्राप्त की। हालांकि उन्हें उन लोगों का सामना करना पड़ा जो उनके रूप और बोलने के तरीके का मजाक उड़ाते थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी यात्रा यह दिखाती है कि आप चाहे जहाँ से आएं या कितनी भी चुनौतियों का सामना करें, अगर आप मेहनत करें और दृढ़ रहें, तो आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
22 साल की उम्र में नौकरी के अस्वीकृतियों के कारण आत्महत्या के विचारों से निपटना।
राधिका गुप्ता की कहानी यह दिखाती है कि जब भी आप किसी चुनौती का सामना करते हैं, आप और भी मजबूत होकर लौट सकते हैं। बचपन में, उसे अपने लुक्स के लिए जज किया गया, खासकर अमीर परिवारों के बच्चों के बीच।
लेकिन राधिका ने हार नहीं मानी। उसने स्कूल में बहुत अच्छा किया और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान, उसने तीन नौकरियों में काम किया, जिसमें रोटियां बेचना भी शामिल था। हालांकि, ग्रेजुएशन के बाद नौकरी पाना आसान नहीं था। उसे सात कंपनियों से रिजेक्शन मिला, जिससे वह बहुत निराश हो गई।
खुशकिस्मती से, एक दोस्त ने उसकी मदद की। राधिका को डिप्रेशन का पता चला। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने मैकिन्से में नौकरी के लिए आवेदन किया और अंततः सफल इंटरव्यू के बाद उसे नौकरी मिल गई। यह उसके लिए एक बड़ी राहत थी और इसने उसकी जिंदगी को बेहतर बना दिया। राधिका की कहानी यह दिखाती है कि जब चीजें कठिन लगती हैं, तो भी आप दृढ़ता और सहनशीलता के साथ उन्हें पार कर सकते हैं।
Radhika Gupta: Enterprenual Journey
राधिका ने अपने करियर की शुरुआत बड़ी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट में की। फिर, 2009 में, उसने और उसके पति ने अपनी कंपनी फॉरफ्रंट कैपिटल मैनेजमेंट शुरू की। शुरुआत में मुश्किलें आईं, लेकिन उनकी कंपनी को वित्तीय क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी, एडलवाइस, ने देखा। 2014 में, एडलवाइस ने उनकी कंपनी खरीद ली, और राधिका वहां एक बड़ी बॉस बन गई। 2017 में, राधिका एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ बनीं, जो एडलवाइस का हिस्सा है।
उन्होंने कंपनी के पैसे को ₹ 6,700 करोड़ से बढ़ाकर ₹ 1,04,896 करोड़ तक पहुंचाने में शानदार काम किया। उन्होंने एडलवाइस को एक और बड़ी कंपनी, जेपी मॉर्गन म्यूचुअल फंड, खरीदने में भी मदद की और 2019 में भारत बांड ईटीएफ नामक एक नई चीज़ लॉन्च की, जो भारत की पहली थी। राधिका के स्मार्ट विचारों और नेतृत्व के कारण, एडलवाइस म्यूचुअल फंड बहुत प्रसिद्ध और सफल हो गया, और वह 30 से बढ़कर शीर्ष 13 में पहुंच गया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि नई और उपयोगी उत्पादों का विकास हो और टीम को जोखिम प्रबंधन और नियमों का पालन करने की सही जानकारी मिले।
Radhika Gupta: Net Worth and Investment
राधिका गुप्ता की संपत्ति लगभग 41 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जैसा कि विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है। अपने करियर के शुरुआती दौर में सात कंपनियों से अस्वीकृति का सामना करने के बावजूद, उन्होंने मेहनत की और उद्यमिता और निवेश के माध्यम से अपनी संपत्ति बनाई। एडलवाइस म्यूचुअल फंड की CEO के रूप में, उन्होंने भारत बांड ETF लॉन्च करने, संपत्तियों में वृद्धि करने और JP मॉर्गन म्यूचुअल फंड का व्यवसाय भारत में हासिल करने जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए।
इस सफलता के कारण उन्हें 33 वर्ष की आयु में CEO के रूप में नियुक्त किया गया। राधिका की यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने 2014 में अपनी कंपनी, फोरफ्रंट कैपिटल मैनेजमेंट, एडलवाइस को बेची, और अंततः शीर्ष नेतृत्व की स्थिति तक पहुंचीं। अस्वीकृति के कारण आत्महत्या के विचारों का सामना करने जैसी चुनौतियों के बावजूद, राधिका और मजबूत होकर उभरीं और अब एक CEO, मां, लेखक, प्रेरक वक्ता और मानसिक स्वास्थ्य की समर्थक के रूप में कार्य कर रही हैं। उनकी संघर्ष और सफलता की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है।
Radhika Gupta: Brave Woman
राधिका गुप्ता महिलाओं को अपने बड़े सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करती हैं और कहती हैं कि अगर वे बाद में मातृत्व अपनाती हैं तो भी हार नहीं माननी चाहिए। उनका मानना है कि काम और परिवार को समाज की अपेक्षाओं के दबाव के बिना संभाला जा सकता है। राधिका कहती हैं कि उनकी मां ने मातृत्व के बारे में सबसे अच्छा सलाह दी – कोई भी मां बुरी नहीं होती, और मातृत्व जीवन का सिर्फ एक हिस्सा है, सब कुछ नहीं।
एडेलवाइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड की नेता के रूप में, वह बहुत सारे पैसे का प्रबंधन करती हैं। राधिका शार्क टैंक इंडिया सीजन 3 में युवा व्यवसायों का समर्थन करने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने छोटे शहरों के प्रतिभाशाली युवा उद्यमियों को देखकर भारत के भविष्य के प्रति आशावादी महसूस किया।
राधिका का संदेश सभी के लिए सरल है: अपनी रुचि खोजें और उसके पीछे जाएं। उनका मानना है कि अगर आप कड़ी मेहनत करें, तो चीजें सही दिशा में बढ़ेंगी, भले ही शुरुआत में सब कुछ स्पष्ट न हो। अपने आप का जश्न मनाएं, अपनी कमियों के साथ, और ऊँचाइयों की ओर बढ़ें।
Radhika Gupta: Awards Winning
- 2021 में इकोनॉमिक टाइम्स 40 अंडर 40 बिजनेस लीडर्स अवार्ड प्राप्त किया।
- 2020 में वित्त और अर्थव्यवस्था में लिंक्डइन की टॉप वॉयस में शामिल हुईं।
- 2022 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा युवा वैश्विक नेता के रूप में मान्यता प्राप्त की।
- 2022 में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) से युवा महिला नेता का पुरस्कार मिला।
- 2022 में फोर्ब्स इंडिया द्वारा फोर्ब्स वुमन पावर – सेल्फ मेड वुमन सूची में स्थान मिला।
- 2019 और 2021 में बिजनेस टुडे द्वारा भारतीय व्यवसाय में सबसे शक्तिशाली महिलाओं का पुरस्कार प्राप्त किया।
- 2020 में फॉर्च्यून इंडिया की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल हुईं।
- 2021 में महाराष्ट्र के गवर्नर द्वारा द इम्पैक्ट क्रिएटर अवार्ड्स प्राप्त किया।
- उनकी किताब “लिमिटलेस” ने 2023 में FICCI पब्लिशिंग अवार्ड्स में सेल्फ-हेल्प श्रेणी में बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता।
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Radhika Gupta: एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट में नेतृत्व
राधिका ने 34 साल की उम्र में एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट की सीईओ की जिम्मेदारी ली। उन्होंने 2019 में भारत का पहला कॉर्पोरेट बॉन्ड ईटीएफ लॉन्च किया। एडलवाइस ने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों में बड़ी वृद्धि की है, जो 31 मार्च 2017 तक ₹ 1.20 लाख करोड़ (30 नवंबर 2023 तक) से अधिक हो गई है। साल 2017 में, जेपी मॉर्गन म्यूचुअल फंड एडलवाइस के साथ मिल गया, जिससे एडलवाइस को एक मजबूत खुदरा वित्तीय ब्रांड बनाने में मदद मिली। राधिका गुप्ता के नवोन्मेषी और ग्राहक केंद्रित समाधानों ने न केवल बाजार में प्रभाव डाला, बल्कि एडलवाइस म्यूचुअल फंड को मार्च 2017 में 30वें स्थान से सितंबर 2023 में 13वें स्थान पर लाने में भी सहायता की।
Radhika Gupta: Journey To Shark Tank Season
राधिका अब एक टीवी शो “शार्क टैंक इंडिया” का हिस्सा हैं। वह उन युवाओं की मदद करना चाहती हैं जिनके पास बेहतरीन व्यापारिक विचार हैं। उन्हें युवा दिमागों की शक्ति पर विश्वास है और वह उन्हें अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। राधिका की यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर आप आगे बढ़ते रहें और खुद पर विश्वास रखें, तो आप जो चाहें वो हासिल कर सकते हैं।
Radhika Gupta: Important KeyPoint for Better Life
- लगातार प्रयास करें: शारीरिक सीमाओं को पार करने से लेकर नौकरी में असफलताओं और आत्महत्या के विचारों तक, राधिका की कहानी दृढ़ता की शक्ति को दर्शाती है। उन्होंने हर कठिनाई के बाद खुद को संभाला और और भी मजबूत बनकर उभरीं।
- अपनी कमियों को अपनाएं: राधिका अपने अनोखे सफर का जश्न मनाती हैं, जिसमें उनके बचपन की कठिनाइयाँ और कमियाँ शामिल हैं। आत्म-स्वीकृति का यह संदेश उन सभी के लिए है जो खुद को अलग या अपर्याप्त महसूस करते हैं।
- जो आप हकदार हैं, उसके लिए मांगने से न डरें: चाहे वह नौकरी में पदोन्नति हो, वेतन वृद्धि हो, या बस आपकी ज़रूरतें हों, राधिका महिलाओं को आत्मविश्वास से अपनी बात रखने के लिए प्रेरित करती हैं।
- अपने सपनों का पीछा करें: एक छोटे शहर की लड़की से सफल सीईओ बनने की राधिका की यात्रा यह याद दिलाती है कि जुनून और समर्पण के साथ कुछ भी संभव है।
- मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है: अवसाद के साथ अपनी कठिनाइयों को खुलकर साझा करके, राधिका मानसिक स्वास्थ्य के आसपास के कलंक को तोड़ती हैं और दूसरों को मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
Radhika Gupta: Net Worth
Radhika Gupta की कुल संपत्ति 2023 के अनुसार लगभग ₹41 करोड़ होने का अनुमान है, जो उनके वित्त उद्योग में सफलता और योगदान को दर्शाती है।
Radhika Gupta: Husband
राधिका ने 2012 में ब्रिटिश म्यूजिशियन बेनेडिक्ट टेलर से कोर्ट मैरिज की थी। हालांकि, उनकी शादी की जिंदगी में कई चुनौतियाँ आईं। राधिका और बेनेडिक्ट ने 9 साल तक दूर रहकर शादी की, लेकिन उनके बीच का प्यार इतना मजबूत है कि उन्होंने हर कठिनाई का सामना किया।
Radhika Gupta: हम क्या सीख सकते हैं
Radhika Gupta ने अपनी विकलांगता के बावजूद अपनी क्षमताओं को साबित किया है और एक प्रेरणा बनी हैं। उसने अपनी कमजोरियों को अपनाया और उन्हें अपनी ताकत में बदला। ईमानदारी और सच्चाई उसके लिए आगे बढ़ने के महत्वपूर्ण गुण रहे हैं। अपनी किताब “लिमिटलेस” में उसने अपनी चुनौतियों का जिक्र किया है, जिसमें उसने कई बार अस्वीकृति का सामना किया और आलोचनाओं को नजरअंदाज किया। इसलिए विकलांगता के बारे में निराश होने के बजाय अपने सपनों का पीछा करें और ऐसे महान व्यक्तियों के जीवन से सीखें। यहाँ उनके जीवन से जुड़े छह महत्वपूर्ण संदेश दिए गए हैं:
- किसी भी चीज़ का जवाब ‘नहीं’ के रूप में लेना शुरू करें; यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
- फीडबैक को स्वीकार करें और खुद को सुधारने की कोशिश करें।
- जोखिम उठाने की आदत डालें, नहीं तो आप रोज़ की भागदौड़ में खो जाएंगे।
- उन बातचीतों की शुरुआत करें जो आप करना चाहते हैं; अपने आप पर संदेह न करें।
- अगर आपको कुछ नहीं पता है, तो उसे स्वीकार करें और मदद मांगें।
- काम और जीवन को ‘संपूर्ण’ बनाने के बजाय, काम और जीवन का संतुलन बनाने पर ध्यान दें।
Radhika Gupta: Investment Tips
आधुनिक समय में बच्चों की परवरिश के लिए वित्तीय जिम्मेदारियाँ बहुत बढ़ गई हैं, इसलिए बच्चे के जन्म से पहले ही अच्छी योजना बनानी जरूरी है। हाल ही में एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ Radhika Gupta और अभिनेता आर. माधवन के बीच इस विषय पर चर्चा हुई। इस बातचीत में पेरेंटिंग की चुनौतियों और वित्तीय समझदारी के महत्व पर बात की गई।
Radhika Gupta ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आज के माता-पिता पर बच्चों के लिए महंगे कपड़े और उपहार खरीदने का कितना दबाव होता है। उन्होंने अपने छोटे बच्चे के लिए ब्रांडेड जूते न खरीदने का फैसला लेने के बारे में खुलकर बात की। Radhika Gupta ने कहा, “कुछ बच्चों के जूते 2,000 से 3,000 रुपये के होते हैं।”और “दो से तीन महीने में ये बेकार हो जाते हैं। मैंने एक सस्ता विकल्प लिया। यह मितव्ययी लग सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक समझदारी भरा विकल्प था।”
जीवन योजना की आवश्यकता:
Radhika Gupta ने माता-पिता के लिए प्रारंभिक वित्तीय योजना के महत्व पर ध्यान दिया। उन्होंने एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की सिफारिश की, जिसमें बच्चे के विकास के मुख्य चरणों के दौरान होने वाले खर्चों को शामिल किया जाए: प्रारंभिक वर्ष (0-5): बच्चों की देखभाल की उच्च लागत। प्राथमिक स्कूल वर्ष (5-10): शिक्षा पर बढ़ते खर्च, खासकर अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों का चयन करने वाले माता-पिता के लिए। वरिष्ठ विद्यालय वर्ष (10-18): पाठ्येतर गतिविधियों, ट्यूशन और उच्च शिक्षा की तैयारी से जुड़ी लागतें। Radhika Gupta ने कहा, “माता-पिता को नियमित और अनुमानित खर्चों के लिए एक पांच-वर्षीय योजना बनानी चाहिए। इससे वित्तीय स्थिरता बनी रहती है और बच्चे के बड़े होने पर तनाव कम होता है।”
जीवन योजना की आवश्यकता:
Radhika Gupta और माधवन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बढ़ती कीमतों पर ध्यान दिया। पिछले दस वर्षों में, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालय की फीस में वृद्धि हुई है। शिक्षा क्षेत्र में मुद्रास्फीति अब 11-12 प्रतिशत है, जो सामान्य उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से लगभग दोगुनी है।
इस तेज वृद्धि का मतलब है कि शिक्षा की लागत हर छह से सात साल में दोगुनी हो सकती है, जिससे परिवारों के लिए बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। कुछ माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए बहुत खर्च कर रहे हैं, जिससे उन पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है। वित्तीय साक्षरता सिखाना गुप्ता ने बच्चों में छोटी उम्र से ही वित्तीय साक्षरता और जिम्मेदारी से खर्च करने की आदत विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।
FAQs
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Radhika Gupta कौन हैं?
Radhika Gupta वित्त उद्योग में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, जो वर्तमान में एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कठिनाइयों से सफलता की यात्रा ने कई लोगों को प्रेरित किया है
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Radhika Gupta की कुल संपत्ति क्या है?
Radhika Gupta की कुल संपत्ति 2023 के अनुसार लगभग ₹41 करोड़ होने का अनुमान है, जो उनके वित्त उद्योग में सफलता और योगदान को दर्शाती है।
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राधिका ने नौकरी के अस्वीकृतियों और मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों को कैसे पार किया?
राधिका को कई नौकरी के अस्वीकृतियों का सामना करना पड़ा। उसकी दृढ़ता और संकल्प ने उसे इन कठिनाइयों को पार करने में मदद की। उसने अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मदद मांगी और अंततः मैकिन्से में नौकरी पाई।
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Radhika Gupta शार्क टैंक में कौन हैं?
एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ और प्रबंध निदेशक Radhika Gupta शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में नए शार्क में से एक बनी हैं। इस व्यवसायी ने अपने उद्यमिता के सफर में कई चुनौतियों का सामना किया है।
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Radhika Gupta क्यों जानी जाती हैं?
Radhika Gupta एक भारतीय व्यवसायिक कार्यकारी हैं। वह एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट की सीईओ हैं। उन्होंने कंपनी में मल्टी-स्ट्रेटेजी फंड्स के बिजनेस हेड के रूप में काम शुरू किया और टीम के निवेश, वितरण और प्लेटफॉर्म के लिए रणनीतिक दिशा तय करने की जिम्मेदारी निभाई।
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भारत में सबसे अमीर शार्क टैंक निवेशक कौन है?
पुणे की एमक्योर फार्मा की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर फार्मा इंडस्ट्री की एक प्रमुख हस्ती हैं और शार्क टैंक इंडिया की सबसे धनी जजों में से एक मानी जाती हैं। नमिता इस शो के तीन सीजन में शामिल हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 600 करोड़ रुपये है।
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राधिका का पति कौन है?
राधिका ने 2012 में ब्रिटिश म्यूजिशियन बेनेडिक्ट टेलर से कोर्ट मैरिज की थी। हालांकि, उनकी शादी की जिंदगी में कई चुनौतियाँ आईं। राधिका और बेनेडिक्ट ने 9 साल तक दूर रहकर शादी की, लेकिन उनके बीच का प्यार इतना मजबूत है कि उन्होंने हर कठिनाई का सामना किया।
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Radhika Gupta की कुल संपत्ति क्या है?
Radhika Gupta की कुल संपत्ति लगभग 41 करोड़ रुपये है। 34 साल की उम्र में वह एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ बनीं। उन्होंने भारत का पहला कॉरपोरेट बॉंड ईटीएफ लॉन्च किया और निवेश को सरल बनाया।
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Radhika Gupta अलग क्यों नजर आती हैं?
Radhika Gupta कुछ जन्मजात समस्याओं के कारण अपनी गर्दन में स्थायी झुकाव के साथ पैदा हुई थीं। बचपन में यह बात इतनी स्पष्ट नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे उनकी शिशु वसा कम हुई, यह झुकाव साफ दिखाई देने लगा।
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क्या अमित जैन सबसे धनी शार्क हैं?
अमित जैन शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में सबसे धनी शार्क में से एक माने जाते हैं। वे कारदेखो के सीईओ और सह-संस्थापक हैं। शार्क टैंक इंडिया के दूसरे सीजन में, उन्होंने अशनीर ग्रोवर की जगह ली। उन्होंने हर एपिसोड के लिए शो से $8,000 से अधिक की फीस ली।
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शार्क टैंक इंडिया का मतलब क्या है?
शार्क टैंक इंडिया एक हिंदी बिजनेस रियलिटी टीवी शो है। यह शो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर दिखाया जाता है। यह अमेरिकी शो शार्क टैंक की भारतीय संस्करण है।
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एडलवाइस की सीईओ कौन हैं?
एडलवाइस की सीईओ राधिका गुप्ता को गिरने से सिर में चोट आई है। भारत में स्वास्थ्य सेवा पर उन्होंने क्या टिप्पणी की?
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Radhika Gupta अपने पति से कैसे मिलीं?
24 साल की उम्र में, उन्होंने व्हार्टन स्कूल में एक व्यक्ति से विवाह किया। 2009 में, वैश्विक मंदी के बाद, 25 साल की उम्र में, राधिका और उनके पति नलिन मोनिज़ ने ‘फ़ोरफ़्रंट कैपिटल मैनेजमेंट’ की स्थापना के लिए भारत लौट आए, जो वैकल्पिक निवेश पर केंद्रित है।
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Radhika Gupta सीईओ कैसे बनीं?
शुरुआत में हालात कठिन थे, लेकिन उनकी कंपनी को एडलवाइस नामक एक बड़ी वित्तीय कंपनी ने देखा। 2014 में, एडलवाइस ने उनकी कंपनी को खरीद लिया और राधिका वहाँ एक प्रमुख पद पर पहुँच गईं। 2017 में, राधिका एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ बन गईं, जो एडलवाइस का एक हिस्सा है।
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Radhika Gupta के साथ क्या हुआ?
एडेलवाइस की सीईओ Radhika Gupta को गिरने के बाद ‘सिर में चोट’ आई है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते गिरने के बाद उन्हें इमरजेंसी मेडिकल सेवा में ले जाना पड़ा। एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ ने भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की भी तारीफ की, क्योंकि उन्हें चिकित्सा देखभाल के बाद 2.5 घंटे के भीतर घर भेज दिया गया।
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क्या Radhika Gupta पाकिस्तान से हैं?
Radhika Gupta का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन उनके पिता के भारतीय राजनयिक होने के कारण वे चार महाद्वीपों में पली-बढ़ी। जन्म के समय कुछ जटिलताओं के कारण उनके गले में हमेशा के लिए एक “अजीब झुकाव” हो गया, और इसके अलावा, उन्हें पाकिस्तान, न्यूयॉर्क, दिल्ली और नाइजीरिया के स्कूलों में हमेशा नए बच्चे के रूप में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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Radhika Gupta की उम्र कितनी है?
Radhika Gupta ने 39 साल की उम्र में माँ बनीं, और उनका बेटा, रेमी गुप्ता मोनिज, जून 2024 में दो साल का हो जाएगा। शार्क टैंक इंडिया 3 के सेट पर, राधिका को अक्सर अपने प्यारे ‘बेबी शार्क’ के साथ देखा गया।
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एडेलवाइस का नेट वर्थ क्या है?
एडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, जो समूह की प्रमुख कंपनी है, ने 2022-23 में 8,764 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इसका नेट वर्थ 8,502 करोड़ रुपये है, नेट कर्ज 16,360 करोड़ रुपये है और बीमा को छोड़कर लाभ लगभग 610 करोड़ रुपये है।