महामारी के आगाज के साथ, स्वास्थ्य एजेंसियां और सरकारें लोगों को संक्रमण से बचने के लिए हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रही हैं। अब वे लोग भी, जो पहले केवल खाने के समय हाथ धोते थे, किसी भी चीज को छूने या किसी से मिलने के बाद तुरंत हैंडवॉश की तलाश करने लगे हैं। यह कोरोना के समय में एक नया सामान्य बन गया है,
क्योंकि वैक्सीन आने तक यह तरीका आपको सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बार-बार हाथ धोने या स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक ही क्रिया को बार-बार करना नया नहीं मानते। ये लोग Obessive Compulsive Disorder (OCD) से ग्रसित होते हैं और लगातार हाथ धोते रहते हैं।
हालांकि, चिकित्सा दृष्टिकोण से विशेषज्ञों का कहना है कि OCD एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया के अनुसार, हर 100 लोगों में से 2-3 लोग अपने जीवन में OCD का सामना करते हैं। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करती है।

फोर्टिस हेल्थकेयर के मेंटल हेल्थ और बिहेवियरल साइंसेज विभाग की प्रमुख और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, डॉक्टर कामना छिब्बर का कहना है, “OCD एक प्रकार की बीमारी है जो व्यक्ति की सामान्य जीवनशैली को प्रभावित करती है। यह न केवल रिश्तों पर असर डालती है, बल्कि उत्पादकता को भी कम कर देती है। मरीजों को अपने विचारों और व्यवहारों के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनके लिए कोई भी स्थिति आरामदायक नहीं होती, क्योंकि उनके मन में कई विचार लगातार घूमते रहते हैं।”
Obessive Compulsive Disorder (OCD) क्या है? डॉक्टर छिब्बर के अनुसार, “OCD में दो मुख्य तत्व होते हैं: ऑब्सेशन (सनक) और कंपल्शन (मजबूरी)। ऑब्सेशन वह विचार या भावना है जो बार-बार व्यक्ति के मन में आती है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है। जब ऑब्सेशन होता है, तो अक्सर कंपल्शन भी उत्पन्न होता है, जैसे कि हाथ धोना या सफाई करना, जिससे मरीज अपनी मानसिक बेचैनी को कम करने की कोशिश करते हैं।”

डॉक्टर छिब्बर ने बताया कि OCD का कारण बायोलॉजिकल और न्यूरोट्रांसमीटर्स के असंतुलन में होता है। इसके उपचार में दवाओं और साइकोथैरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। थैरेपी में सीबीटी (कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी) के तरीकों का व्यापक उपयोग किया जाता है।
ऑब्सेशन और कंपल्शन का अर्थ समझें। इंटरनेशनल ओसीडी फाउंडेशन के अनुसार, ऑब्सेशन वे विचार और छवियां हैं जो व्यक्ति के मन में बार-बार आती हैं। व्यक्ति इन पर नियंत्रण नहीं रख पाता। OCD से प्रभावित लोग इन विचारों को नहीं लाना चाहते, और ये उनके लिए अत्यंत परेशान करने वाले होते हैं। कई बार लोग जानते हैं कि ये विचार निरर्थक हैं। आमतौर पर, ऑब्सेशन गंभीर और असहज भावनाओं जैसे डर, संदेह या असंतोष के साथ जुड़ा होता है।
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OCD के दौरान प्रकट होने वाले कुछ सामान्य विचार
- गंदगी: इसमें व्यक्ति एचआईवी जैसी बीमारियों के प्रति चिंतित रहता है या उसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों, जैसे रेडिएशन, घर में मौजूद रसायन और धूल के बारे में चिंता होती है।
- नियंत्रण खोना: इसमें खुद को या दूसरों को चोट पहुंचाने, चोरी और हिंसा के प्रति डर शामिल होता है।
- नुकसान: व्यक्ति को यह डर सताता है कि वह चोरी या आगजनी जैसी गंभीर घटनाओं का कारण बन सकता है या उसकी लापरवाही से किसी और को नुकसान हो सकता है।
- पर्फेक्शन से जुड़े ऑब्सेशन्स: किसी कार्य को पूरी तरह से या सही तरीके से करने की चिंता होती है, साथ ही कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को याद न रखने का डर भी रहता है। चीजों को फेंकने या रखने में निर्णय लेने में कठिनाई होती है और किसी चीज को खोने का भय बना रहता है।
- दूसरे ऑब्सेशन्स: व्यक्ति को गंभीर बीमारियों का शिकार होने का डर होता है, साथ ही लकी या unlucky नंबरों के प्रति भी चिंता रहती है।
कंपल्शन
कंपल्शन ऐसे व्यवहार होते हैं जिनमें व्यक्ति अपने ऑब्सेशन को समाप्त करने की कोशिश करता है। ओसीडी से प्रभावित लोग जानते हैं कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है, लेकिन सही तरीके की तलाश करने के बजाय वे कंपल्शन पर निर्भर रह जाते हैं।
OCD के दौरान देखने को मिलने वाले कुछ सामान्य मजबूरियाँ
- धुलाई और सफाई: इसमें बार-बार हाथ धोना, अत्यधिक समय तक स्नान करना, दांतों की सफाई करना या अन्य सफाई से संबंधित कार्यों को लगातार करना शामिल है।
- जांच: यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप या कोई और खतरे में नहीं है। किसी चीज की बार-बार जांच करना। यह देखना कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हुआ या आपसे कोई गलती तो नहीं हुई। शरीर के विभिन्न हिस्सों की बार-बार जांच करना।
- दोहराव: किसी चीज को बार-बार पढ़ना या लिखना, या किसी भी शारीरिक गतिविधियों को लगातार दोहराते रहना।
OCD के लक्षण के क्या हैं?
किसी भी चीज़ को बार-बार करना, मनोदशा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और उत्पादकता को भी घटा सकता है। डॉ. छिब्बर के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है, तो वह तनाव में दिखाई देगा। ओसीडी से पीड़ित लोगों को चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक है।
OCD से मुक्ति पाने के उपाय क्या हैं?
- अगर आपको कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो सबसे पहले अपनी सेहत पर ध्यान दें। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों जैसे कि साइकेट्रिस्ट या थैरेपिस्ट से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। आपको अपने विचारों और व्यवहारों को समझने के लिए सही तरीके सीखने की आवश्यकता है, और ये तरीके विशेषज्ञ ही आपको बता सकते हैं, क्योंकि वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करके उचित उपाय सुझाएंगे, ताकि आप असहज महसूस न करें।
- यदि आप अपनी ओर से इस समस्या पर काम करना चाहते हैं, तो उन नकारात्मक विचारों को नजरअंदाज करें जो आपको परेशान करते हैं। अपने व्यवहार में बदलाव लाने पर ध्यान केंद्रित करें और बार-बार आने वाले विचारों से बचने की कोशिश करें। खुद को यह जांचने का अवसर दें कि क्या आप इस पर नियंत्रण पा रहे हैं या नहीं, और धीरे-धीरे अपने प्रयासों को बढ़ाएं।
- इस समस्या का खुद से समाधान करना कठिन हो सकता है, क्योंकि यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो डर और चिंता का कारण बनती है। इसलिए, विशेषज्ञों से बात करना आवश्यक है। यदि लक्षण प्रकट हो रहे हैं, तो अपने परिवार या दोस्तों से इस बारे में चर्चा करें।
Covid-19 और OCD
कोरोनावायरस के चलते कई लोगों में ओसीडी के लक्षणों में बदलाव आ सकता है। डॉक्टर छिब्बर का कहना है कि किसी भी प्रकार का तनाव बीमारी के प्रभाव को और बढ़ा सकता है। यदि हम इसे कोविड-19 के दौरान सफाई की आदतों से तुलना करें, तो यह एक अलग स्थिति है। क्योंकि, हमारे मन में यह विचार लगातार नहीं आते हैं। इसके परिणामस्वरूप हमारी ज़िंदगी और रिश्तों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। यही सबसे बड़ा अंतर है। आईओसीडीएफ के सुझावों का पालन करके आप अपने आप को शांत रख सकते हैं।
अगर आप गंदगी के कारण होने वाले डर से परेशान हैं तो
- स्वास्थ्य संगठनों की सलाह के अनुसार, एक बुनियादी सुरक्षा योजना बनाने के लिए खुद को तैयार करें। याद रखें कि इसमें अपनी पसंद के अनुसार चीजें शामिल न करें। सतहों को दिन में एक बार साफ करें और उन सतहों पर विशेष ध्यान दें जो बार-बार छुई जाती हैं। पहले से सोच लें कि क्या यह वाकई आवश्यक है। यह प्रक्रिया हर दिन कुछ मिनटों में पूरी की जा सकती है।
- बाथरूम का उपयोग करने के बाद, बाहर आने पर, खाने से पहले और खांसी या छींकने के बाद, अपने हाथों को साबुन और पानी से 20 सेकंड तक धोएं। यदि आपके पास हैंडवॉश नहीं है, तो कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहॉल वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
अगर आप परफेक्शन के प्रति जुनून से परेशान हैं तो
खुद को यह समझाना जरूरी है कि कोविड-19 से पूरी तरह बचना संभव नहीं है और कोई भी आपसे ऐसा करने की उम्मीद नहीं कर रहा है। ऐसे समय में परफेक्शन की बजाय सामान्य बुद्धि का उपयोग करें। ध्यान रखें कि स्वास्थ्य संगठनों ने गाइडलाइंस बनाते समय ओसीडी से प्रभावित लोगों की स्थिति को ध्यान में नहीं रखा है। इसलिए, अपने करीबी दोस्तों, परिवार के सदस्यों या थैरेपिस्ट से मदद लेना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, थैरेपिस्ट आपको इन गाइडलाइंस का पालन करने में भी सहायता कर सकता है।
अगर आप किसी और को हानि पहुँचाने के ख्याल में उलझे हुए हैं तो
OCD Obessive Compulsive Disorder आपके कोविड-19 के प्रति चिंता को और बढ़ा सकता है। यह आपको यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि आपने किसी को संक्रमित कर दिया है या भविष्य में ऐसा कर सकते हैं। यदि आप ऐसे विचारों का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने थैरेपिस्ट से संपर्क करें और उन्हें अपने लक्षणों के बारे में बताएं।

ये प्रसिद्ध सेलेब्स भी ओसीडी के शिकार बन चुके हैं। आईओसीडीएफ के अनुसार, ओसीडी किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इस मानसिक बीमारी का शिकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर महान गायक माइकल जैक्सन तक हो चुके हैं। अंग्रेजी वेबसाइट न्यूजवीक के अनुसार, ट्रम्प ने बताया है कि उन्हें कीटाणुओं से डर लगता है, जिसके चलते वे बार-बार हाथ धोते हैं और गंदगी से बचने के लिए स्ट्रॉ से पीने की आदत बना ली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, अभिनेत्री चार्लीज थेरॉन, फुटबॉलर डेविड बैकहैम, और ऑस्कर विजेता अभिनेता लियोनार्डो डी कैपरियो जैसे कई प्रमुख सेलेब्स किसी न किसी प्रकार के ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर से जूझ चुके हैं।
FAQs
OCD का मतलब क्या होता है?
जुनूनी-बाध्यकारी विकार (ओसीडी) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अनचाहे और बार-बार आने वाले विचार, भावनाएं और संवेदनाएं (जुनून) होती हैं। ये विचार उन्हें कुछ विशेष कार्य करने के लिए मजबूर करते हैं (बाध्यता)। अक्सर, लोग इन जुनूनी विचारों से मुक्ति पाने के लिए विभिन्न व्यवहारों का सहारा लेते हैं।
क्या ओसीडी एक पागलपन है?
ओसीडी एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति बार-बार आने वाले विचारों, छवियों या आग्रहों का सामना करता है, जिन्हें जुनून कहा जाता है। इन जुनूनों से उत्पन्न होने वाली चिंता और परेशानी को कम करने के लिए, ओसीडी से ग्रसित लोग मजबूरी के रूप में जाने जाने वाले दोहराए जाने वाले कार्यों या मानसिक प्रक्रियाओं में लिप्त होते हैं।
ओसीडी का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) को ओसीडी के लिए सबसे प्रभावी उपचार के रूप में देखा जाता है। यह माना जाता है कि ओसीडी एक आनुवंशिक समस्या है, जिसमें व्यवहार से जुड़ी विशेषताएँ होती हैं, न कि केवल मनोवैज्ञानिक कारण।
ओसीडी के 4 प्रकार क्या हैं?
जुनूनी-बाध्यकारी विकार (ओसीडी), जिसे अक्सर “संदेह विकार” कहा जाता है, किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डाल सकता है। ओसीडी के चार प्रमुख रूप होते हैं: संदूषण या धोने की compulsions, संदेह या जांच की compulsions, आदेश देने या व्यवस्था करने की compulsions, और अस्वीकार्य या वर्जित विचारों की compulsions।
एक ही बात दिमाग में बार-बार क्यों आती है?
अत्यधिक सोचने की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आप किसी एक विषय पर लगातार विचार करते रहते हैं या उसकी चिंता में डूबे रहते हैं। यह समस्या अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों का परिणाम हो सकती है। इसके अलावा, यह मानसिक स्वास्थ्य की इन समस्याओं को और बढ़ा भी सकती है।
क्या बिना दवा के ओसीडी को दूर करना संभव है?
वर्तमान समय में ओसीडी के उपचार के लिए दवा के अलावा कई प्रभावी विकल्प मौजूद हैं। इनमें डीप टीएमएस, संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (सीबीटी), मनोवैज्ञानिक डायनेमिक थेरेपी और सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं।
ओसीडी के लक्षण कब शुरू होते हैं?
वयस्क ओसीडी अक्सर किशोरावस्था या बीसवें दशक के शुरूआती चरण में शुरू होता है। इसके लक्षण समय के साथ बढ़ सकते हैं या कम हो सकते हैं, लेकिन प्रभावित व्यक्ति आमतौर पर कई वर्षों तक ओसीडी से जूझने के बाद ही मदद की तलाश करते हैं।
ओसीडी की दवा कैसे बंद करें?
अचानक से दवा लेना बंद करना या कई खुराकें छोड़ देना वापसी के लक्षण उत्पन्न कर सकता है। इसे अक्सर विच्छेदन सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। यदि आप बेहतर महसूस कर रहे हैं, तो भी बिना अपने डॉक्टर से सलाह लिए दवा बंद न करें। ऐसा करने से ओसीडी के लक्षण फिर से लौट सकते हैं।
ओसीडी आपको पागल क्यों बनाती है?
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति के मन में अनचाहे और परेशान करने वाले विचार आते हैं। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को चिंता, असमंजस और कभी-कभी घबराहट का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति व्यक्ति को जुनून और मजबूरियों के एक चक्र में फंसा देती है, जो उसके सोचने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करती है।
ओसीडी में डर को कैसे दूर किया जाए?
जब आपके सामने कोई विकल्प हो, तो हमेशा चिंता की ओर बढ़ें, उससे भागने का प्रयास न करें। डर पर विजय पाने का एकमात्र तरीका है उसका सामना करना। आप अपने विचारों से逃 नहीं सकते, इसलिए आपके पास उन्हें स्वीकार करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। यदि आप ठीक होना चाहते हैं, तो यह करना आवश्यक है।
OCD के अंदर डर क्यों लगता है?
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है, जिसमें व्यक्ति के मन में अनचाहे और परेशान करने वाले विचार आते हैं। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को चिंता, असमंजस और कभी-कभी घबराहट का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति व्यक्ति को जुनून और मजबूरी के एक चक्र में डाल देती है, जो उसकी सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है।