उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर Kanpur, गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। इस शहर की स्थापना सचेंडी राज्य के राजा हिंदू सिंह ने की थी। कानपुर का मूल नाम कान्हपुर था। अवध के नवाबों के शासनकाल के अंतिम चरण में इस शहर का निर्माण पुराने कानपुर, पटकापुर, कुर्सावां, जूही और सीसामऊ गांवों को मिलाकर किया गया था।
1773 की संधि के बाद कानपुर अंग्रेजों के अधीन हो गया, और 1778 ई. में अंग्रेजों द्वारा कानपुर में ब्रिटिश छावनी का निर्माण किया गया। कानपुर का गंगा के तट पर स्थित होने के कारण यहाँ परिवहन एवं उद्योगों की सुविधाएँ थीं। ब्रिटिश द्वारा शहर का विकास शुरू किया गया जिसके तहत यहाँ अनेक प्रकार के उद्योग भी लगाये गये सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने नील का कारोबार यहीं शुरू किया था। 1832 में ग्रैंड ट्रंक रोड के निर्माण के बाद शहर इलाहाबाद से जुड़ गया। 1864 ई. में, कानपुर को लखनऊ, कालपी आदि जैसे मुख्य स्थानों को सड़कों से जोड़ा गया। ऊपरी गंगा नहर का भी निर्माण किया गया जो शहरी व्यापार के लिए सही कदम साबित हुआ
Kanpur: समय के साथ बदल गया कानपुर का नाम
- अब तक कई बार बदला जा चुका है कानपुर का नाम –
- फोर्ट विलियम पत्राचार (वर्ष 1790 ) के अनुसार= KAWNPORE
- थामस टिर्वंनग (वर्ष 1788) के अनुसार= CAWNPORE
- फोर्ट विलियम पत्राचार (साल 1765) के अनुसार= CAWNPOR
- फोर्ट विलियम पत्राचार (साल 1798) के अनुसार= CAWNPOR
- नक्शा एवं फोर्ट विलियम पत्राचार (साल 1798) के अनुसार= KAUNPOOR
- श्रीमती डियेन (सैनिक अधिकारी की पत्नी) (साल 1798)के अनुसार= KHANPORE
- वाटर हैमिल्टन ईस्ट इंडिया कंपनी (वर्ष 1798) के गजेटियर के अनुसार = KHANPURA
- फारेस्टर (एक अंग्रेज यात्री) (साल 1798) के अनुसार= KHANPORE
- ईस्ट इंडिया कंपनी गजेटियर (साल 1815) के अनुसार= CAUNPOOR
- भारत के नक्शे (साल 1825) के अनुसार= KHANPOOR
- नानकचंद की डायरी, मांटगोमरी मिलेसन (साल 1857) के अनुसार= KANHPUR
- गजेटियर आफ इंडिया (साल 1881) के अनुसार= CAWNPOUR
- मारिया मिलमेन ऑफ इंडिया (साल 1879) के अनुसार= CAAWNPORE
- इनसाइक्लोपीडिया ऑफ अमेरिका (साल 1879) के अनुसार= CAWNPOR
- इनसाइक्लोपीडिया ऑफ अमेरिका (साल 1879) के अनुसार= COWNPOUR
- और अंततः वर्ष 1948 में यह कानपुर बन गया।
LAAL IMLI KANPUR: मैनचेस्टर ऑफ़ द ईस्ट
1857 के विद्रोह में कानपुर की धरती खून से लाल हो गयी। समय बीतता गया और कानपुर एक औद्योगिक शहर के रूप में विकसित होने लगा। इस समय कई मिलें भी खुलीं जिनमें लाल इमली (Lal Imli), म्योर मिल (Mure Mill), एल्गिन मिल (Elgin Mill), कानपुर कॉटन मिल (Kanpur Cotton Mill) और अथर्टन मिल (Atherton Mill) काफ़ी प्रसिद्ध हुईं.
इसका असर यह हुआ कि कानपुर को मिलों का शहर कहा जाने लगा। इतिहास की किताबों में इस शहर को ‘पूर्व का मैनचेस्टर’ कहा जाने लगा।
आजादी के बाद भी कानपुर ने प्रगति की। यहां आईआईटी खोला गया, ग्रीन पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया, और ऑर्डनेंस फैक्ट्रियाँ स्थापित किये गये। इन सबके बाद तो दुनिया में कानपुर का परचम लहराने लगा।
Kanpur: प्रसिद्ध स्थल
नानाराव पार्क (Bithoor), ब्लू वर्ल्ड (Blue world) ,चिड़ियाघर, राधा-कृष्ण मन्दिर (Radha-Krishna Temple), सनाधर्म मन्दिर (Sanadharma Temple), काँच का मन्दिर (Glass Temple), श्री हनुमान मन्दिर पनकी (Shri Hanuman Temple Panki), सिद्धनाथ मन्दिर (Siddhanath Temple), जाजमऊ आनन्देश्वर मन्दिर परमट (Jajmau Anandeshwar Temple Paramat), जागेश्वर मन्दिर (ageshwar Temple), सिद्धेश्वर मन्दिर (Siddheshwar Temple), बिठूर साँई मन्दिर (Bithoor Sai Temple), गंगा बैराज (Ganga Barrage), छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय (Chhatrapati Sahuji Maharaj University), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology), हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान (एच.बी.टी.आई.), चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवँ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Chandrashekhar Azad University of Agriculture and Technology), ब्रह्मदेव मंदिर, रामलला मंदिर (रावतपुर गांव ) बाबा श्री महाकालेश्वर धाम बर्रा 5 इत्यादि
Kanpur Nana Rao Park: नानाराव पार्क
नाना राव पार्क (Nana Rao Park) जिसे भारतीय स्वतंत्रता के बाद नाना साहब के सम्मान में बनाया गया था। भारतीय स्वतंत्रता से पहले इस स्थान को मेमोरियल वेल के नाम से जाना जाता था जो 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश महिलाओं और बच्चों के नरसंहार की याद दिलाता था।
Kanpur J.K. mandir: श्री राधाकृष्ण मंदिर (जे. के. मंदिर)
श्रीराधाकृष्ण मंदिर (Shriradhakrishna Temple) को जे. के. मंदिर (J. K. Temple) के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर लगभग 70 साल पुराना है जिसकी स्थापना 1953 में जे. के ट्रस्ट द्वारा की गई थी। प्राचीन और आधुनिक शैली में बना यह मंदिर कानपुर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर मूल रूप से श्रीराधाकृष्ण को समर्पित है। इसके अलावा यह मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण, श्री अर्धनारीश्वर, नर्मदेश्वर और श्री हनुमान को भी समर्पित है।
Kanpur Jain Glass Temple: जैन ग्लास टेम्पल
जैन ग्लास टेम्पल (Jain Glass Temple) में अनुवादित, ग्लास टेम्पल माहेश्वरी मोहाल में स्थित है। कांच से बना यह खूबसूरत मंदिर भगवान महावीर और शेष 23 जैन तीर्थंकरों का सम्मान करता है।
यहां विभिन्न हस्तनिर्मित मूर्तियां, आकर्षक अलंकरण और नाजुक कांच के भित्ति चित्र हैं जो जैन इतिहास और परंपराओं के महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करते हैं। मंदिर से लगे एक खूबसूरत बगीचे का भी जिक्र किया गया है। इस उद्यान में जैन देवताओं की प्रमुख मूर्तियां हैं।
कांच का मंदिर एक वास्तुकला का शानदार नमूना है जो डिजाइन की पारंपरिक तकनीकों के उपयोग को प्रदर्शित करता है और पूरी तरह से कांच के बर्तनों से बनाया गया है। इसमें इसकी दीवारें, फर्श, खंभे, पैनल, दरवाजे और छत शामिल हैं, जो जटिल नक्काशी और सजावटी दर्पण-कार्य को प्रदर्शित करते हैं।
Kanpur Z Square Mall: जेड स्क्वायर मॉल
कानपुर के बड़ा चौराहा स्थित जेड स्क्वायर मॉल (Z Square Mall) एशिया के सबसे बड़े मॉल में गिना जाता है। फिलहाल यह मॉल शहर में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। मॉल में कई सारी खाने पीने और खरीदारी करने के लिए कई ब्रांडेड शोरूम हैं ।जहां खानें पीने के साथ शॉपिंग का आनंद उठा सकते हैं। मनोरंजन के लिए आधुनिक सिनेमा हॉल भी बनाए गए हैं। साप्ताहिक छुट्टियों के दौरान कीमती समय बिताने के लिए आदर्श स्थान है।
Kanpur Radha-Madhav Temple (Iskcon Mandir): राधा-माधव मंदिर (इस्कॉन मंदिर)
कानपुर में राधा-माधव मंदिर (Radha-Madhav Temple) स्थानीय लोगों के बीच इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple) के नाम से प्रसिद्ध है। यह कानपुर के स्वतंत्रता सेनानी मार्ग में वेद वीथिका में स्थित है। यह प्रसिद्ध मंदिर राधा और भगवान कृष्ण की सेवा को समर्पित है। केंद्र में स्थित मूर्तियाँ पूरे परिसर का प्रमुख आकर्षण हैं। मंदिर में अद्वितीय जालीदार मीनारें हैं जो पारंपरिक डिजाइन का मिश्रण हैं। मंदिर परिसर के अंदर, नक्काशीदार पत्थर, लकड़ी और संगमरमर भगवान कृष्ण की भक्ति में प्राचीन भारत की उन्नत कलात्मकता को जीवंत करते हैं। यह वस्तुतः 5,000 साल पुराने संस्कृत पाठ भगवद-गीता पर आधारित है। इसकी स्थापना मूल रूप से भारत के वैदिक ज्ञान और संस्कृति के सबसे बड़े केंद्र के रूप में की गई थी।
Kanpur Bithoor: बिठूर
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना करने से पहले यहां तपस्या की थी। यहां का ब्रह्मावर्त घाट हमें उसी की याद दिलाता है। यह भी वर्णित है कि यहीं पर ध्रुव ने भगवान विष्णु की तपस्या की थी। महर्षि वाल्मिकी की तपोस्थली बिठूर को प्राचीन काल में ब्रह्मावर्त के नाम से जाना जाता था। बिठूर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल देखे जा सकते हैं। बिठूर का उल्लेख प्राचीन भारत के इतिहास में मिलता है। इस जगह से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। इसी स्थान पर भगवान राम (Lord Rama) ने सीता (Sita) का त्याग किया था और यहीं पर संत वाल्मिकी (Saint Valmiki) ने तपस्या करने के बाद पौराणिक ग्रंथ रामायण (Ramayana) की रचना की थी। ऐसा कहा जाता है कि बिठूर में ही बालक ध्रुव ने पहली बार ध्यान लगाया था। बिठूर को 1857 के युद्ध के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी के तट पर आयोजित होने वाला कार्तिक या कतिकी मेला पूरे भारत से लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
Kanpur Blue World:ब्लू वर्ल्ड
ब्लू वर्ल्ड (Blue World) थीम पार्क कानपुर में स्थित एक वॉटर पार्क है। इसमें विभिन्न प्रकार की जल सवारी और आकर्षण शामिल हैं, जिनमें वॉटर स्लाइड, वेव पूल भी शामिल हैं। यह मनोरंजन और मनोरंजक गतिविधियों के लिए एक अच्छा पारिवारिक स्थान भी है। पार्क में विभिन्न प्रकार के भोजन और पेय पदार्थों के विकल्प के साथ-साथ पिकनिक क्षेत्र और अन्य सुविधाएं भी हैं।
Kanpur Zoo: चिड़ियाघर
कानपुर चिड़ियाघर (Kanpur Zoo) का निर्माण 1971 से शुरू हुआ था जो आज भारत के सर्वोत्तम चिड़ियाघरों में एक है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह कानपुर शहर में स्थित है। यहाँ पर लगभग 1497 जीव-जंतु है। पिकनिक के तौर पर समय बिताने और जीव-जंतुओं को देखने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
Kanpur Central:कानपुर सेंट्रल
कानपुर सेंट्रल (Kanpur Central) का निर्माण इंजीनियर जॉन एच ओनियन (John H Onion) ने किया था। इस रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य नवबंर साल 1928 में शुरू हुआ था और 29 मार्च साल 1930 में बनकर यह तैयार हो गया था. उस समय कानपुर स्टेशन को बनाने में लगभग 20 लाख रुपये का खर्च आया था। पहली ट्रेन कन्नौज (Kannauj) से कानपुर (Kanpur) के बीच चलाई गई थी.
Kanpur Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University: छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय)
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University) उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसे पहले कानपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। यह भारत और उत्तर प्रदेश के अन्य उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों में से एक है। कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना 1966 में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के विभाजन द्वारा की गई थी। अब इसमें 15 जिलों के 170 कॉलेज संबद्ध हैं।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने 1884 और 1922 के बीच कोल्हापुर के महाराजा, राजा शाहू चतुर्थ (जिन्हें छत्रपति शाहू जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था) के नाम पर कानपुर विश्वविद्यालय का नाम छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय रखा। तब से कानपुर विश्वविद्यालय को आधिकारिक तौर पर ‘छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय’ के नाम से जाना जाता है।
Kanpur: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, जिसे आईआईटी कानपुर या आईआईटीके के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1959 में अमेरिका के 9 विश्वविद्यालयों के सहयोग से कानपुर शहर में हुई थी। यह पूरे भारत में कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा प्रदान करने वाला पहला संस्थान था। आईआईटी कानपुर एक प्रमुख भारतीय तकनीकी संस्थान के रूप में उभरा है जो मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग में अनुसंधान और स्नातक शिक्षा पर केंद्रित है।
Harcourt Butler Technical University Kanpur: हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान (एच.बी.टी.आई.)
हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Harcourt Butler Technical University), जिसे पहले हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (Harcourt Butler Technological Institute) के नाम से जाना जाता था, भारत के उत्तर प्रदेश के कानपुर में एचबीटीयू प्रमुख राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय है। एचबीटीयू का नाम ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत (United Provinces) के गवर्नर श्री स्पेंसर हरकोर्ट बटलर (Mr. Spencer Harcourt Butler) के नाम पर रखा गया था। इसके कार्यक्रमों को विश्वविद्यालय के तहत स्वायत्त दर्जा दिया गया है। यह देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है और NAAC A+ मान्यता और ISO 9001:2000 प्रमाणन रखता है। यह इंजीनियरिंग (Engineering), प्राकृतिक विज्ञान (Natural Science) और मानविकी (Humanities) के साथ-साथ Master of Computer Application (MCA) और Master of Business Administration (MBA) में स्नातक, परास्नातक और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है।
Chandrashekhar Azad University of Agriculture and Technology Kanpur: चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवँ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSAUA&T) भारत के उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसका नाम भारतीय क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद के नाम पर रखा गया है। कानपुर के अलावा, इसके घटक कॉलेज (जिन्हें परिसर भी कहा जाता है) इटावा, हरदोई और लखीमपुर खीरी जिलों में भी हैं। विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के 29 जिलों के कृषक समुदाय को सेवाएं प्रदान करता है।
Kanpur Green Park Stadium: ग्रीन पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम
ग्रीन पार्क स्टेडियम (Green Park Stadium), उत्तर प्रदेश के कानपुर का एक प्रसिद्ध बहुउद्देश्यीय स्टेडियम है जिसने कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है। ग्रीन पार्क स्टेडियम का नाम ब्रिटिश महिला ‘मैडम ग्रीन’ के नाम पर रखा गया था, जो 1940 के दशक में घुड़सवारी का अभ्यास करती थीं। 1945 में स्थापित इस स्टेडियम को ‘बिलियर्ड्स टेबल’ के नाम से भी जाना जाता है। स्टेडियम खेल विभाग उत्तर प्रदेश के नियंत्रण में है और उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम का घर है। गंगा नदी के पास स्थित, स्टेडियम को दिवंगत क्रिकेट कोच और खिलाड़ी बॉब वूल्मर की याद में ‘वूल्मर टर्फ’ का उपनाम दिया गया था, जिनका जन्म स्टेडियम के सामने मैकरॉबर्ट अस्पताल में हुआ था।
Kanpur : चर्चित हस्तियों का नगर कानपुर
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) कानपुर के ही रहने वाले हैं इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने अपनी पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की थी. मोती लाल नेहरु (Moti Lal Nehru) का संबंध भी कानपुर से था. सिंगर अभिजीत भट्टाचार्या, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव समेत कई बड़ी हस्तियों का घर भी कानपुर है.
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