अमित शाह और पीएम मोदी ने किया महावीर जयंती पर शुभकामनाएं का ऐलान कर भारतीयों को ढेर सारी बधाई दी :
MAHAVIR JAYANTI 2024: पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर , महावीर जयंती की ढेर सारी शुभकामनाओ के साथ देश के सभी परिवार को बधाई दी | भगवान महावीर शांत और संयम के प्रतिक हैं |
PM NARENDRA MODI , 21 APRIL को महावीर जयंती के अवसर पर आज सुबह 10 बजे NEW DELHI में 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव का उद्घाटन करेंगे | यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा एक स्मारक के रूप में मनाया जायेगा | यह कार्यक्रम डाक टिकेट और सिक्का के साथ जारी होगा | इस कार्यक्रम में सभा में सम्भोधन होगा | इस संबोधन में मोदी जी भगवान महावीर के बारे में भाषण देंगे |
भारत भर में हर वर्ष महावीर जयंती के अवसर पर विशेष उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिलता है। यह त्योहार जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था, जिन्होंने अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह के मूल्यों को प्रोत्साहित किया। इस विशेष दिन पर, भारत के नेताओं द्वारा भी शुभकामनाएं और संदेश प्रेषित किए जाते हैं।
महावीर जयंती, जैन समुदाय के लिए एक विशेष और पावन त्यौहार है, जिसमें भगवान महावीर के जन्म की खुशी मनाई जाती है। इस अवसर पर, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह ने जैन समुदाय के साथ-साथ पूरे देश को शुभकामना संदेश प्रेषित किया है। इस ब्लॉग में हम उन शुभकामनाओं के संदेश को विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं और समझाएंगे कि यह त्यौहार और इन शुभकामनाओं का महत्व क्या है।
भारतीय गणराज्य के गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी जी :
इस वर्ष, महावीर जयंती के अवसर पर, भारत के गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शुभकामनाएं और आदरपूर्ण संदेश समाज के सामने रखे। दोनों ही नेताओं ने भगवान महावीर के जीवन और उनके उपदेशों की महत्वता पर बल दिया और उनकी शिक्षाओं को आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक बताया। उनके संदेश में, अहिंसा और करुणा के पथ पर चलने की प्रेरणा शामिल थी, जिसे भगवान महावीर ने सिखाया।
महावीर जयंती के महत्व की चर्चा :
महावीर जयंती का महत्व :
महावीर जयंती, जैन धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे भारत और विश्व के जैन समुदाय द्वारा बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान महावीर की जयंती को प्रतिष्ठित करता है, जो जैन धर्म के तेरहवें और अंतिम तीर्थंकर हैं। भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों का प्रचार किया, जिन्होंने न केवल जैन समुदाय को बल्कि सम्पूर्ण मानवता को एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी।
महावीर जयंती के दिन, जैन समुदाय के लोग प्रार्थना सभाओं में भाग लेते हैं, भजन करते हैं, और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस दिन की शुरुआत मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्तियों की शुद्धि के साथ होती है, जिसे ‘अभिषेक’ कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, भगवान के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर आधारित धार्मिक पाठों का वाचन भी किया जाता है, जिससे लोगों में आध्यात्मिक जागरूकता और धार्मिकता का विकास होता है।
यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं में भी इसकी गहराई है। यह दिन जैन समुदाय को एक साथ लाने का काम करता है, जहाँ वे अपनी धार्मिक प्रथाओं के माध्यम से एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं।
भारतीय समाज में महावीर जयंती का महत्व :
महावीर जयंती भारतीय समाज में एक विशेष स्थान रखती है, क्योंकि यह त्योहार न केवल जैन समुदाय के लिए आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे भारतीय संस्कृति में विविधता और सह-अस्तित्व की भावना समाहित है। त्योहार के दौरान, अन्य समुदाय के लोग भी मंदिरों में जाकर, या जुलूस में हिस्सा लेकर, जैन समुदाय के साथ मिलकर इस उत्सव को मनाने में शामिल होते हैं।
इसके अलावा, महावीर जयंती के दौरान कई सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि सेमिनार, कार्यशालाएँ और व्याख्यान, जो लोगों को भगवान महावीर की शिक्षाओं के बारे में और भी गहराई से जानने का अवसर प्रदान करते हैं। इन कार्यक्रमों का मूल्य इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये हमें शांति और सह-अस्तित्�
अमित शाह और मोदी जी की शुभकामनाएं :
अमित शाह की भगवान महावीर को शुभकामनाएं :
गृह मंत्री अमित शाह ने महावीर जयंती के अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में भगवान महावीर के जीवन और उनके संदेशों को याद किया। उन्होंने कहा, “भगवान महावीर के विचार और सिद्धांत हमें अहिंसा, सत्य और करुणा की राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं।” अमित शाह ने सभी देशवासियों से इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी की भगवान महावीर को शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महावीर जयंती के पावन अवसर पर अपने विचारों को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “महावीर जयंती हमें यह याद दिलाती है कि कैसे एक व्यक्ति के आदर्श और शिक्षाएं विश्व को प्रकाशित कर सकती हैं।” मोदी जी ने भगवान महावीर के अहिंसा के संदेश की महत्ता पर जोर दिया और सभी भारतीयों को शांति और भाईचारे के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।
ऐलान का महत्व :
जैन धर्म में भगवान महावीर को अहिंसा और शांति का प्रतीक माना जाता है। पीएम मोदी और अमित शाह द्वारा इस पवित्र दिन पर शुभकामनाएं देने का महत्व इस बात में है कि यह संदेश समस्त मानवता के लिए बेहद जरूरी सीख और प्रेरणा प्रदान करता है, खासकर आज के समय में जब दुनिया भर में तनाव और अशांति के माहौल हैं। उनके इस ऐलान से न केवल जैन समुदाय को बल्कि सारे भारतीयों को एकता और शांति की ओर प्रेरित किया जाता है।
अमित शाह और पीएम मोदी के ऐलान का विश्लेषण :
ऐलान का समीक्षा :
गृह मंत्री, अमित शाह और प्रधानमंत्री पीएम मोदी द्वारा महावीर जयंती पर दी गई शुभकामनाएं न केवल राजनीतिक सन्दर्भ में बल्कि सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। इस ऐलान को विभिन्न आयामों से समझना आवश्यक है। पीएम मोदी और अमित शाह का यह संदेश देशभर के सभी परिवारों में एकजुटता और सद्भावना बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
सामाजिक दृष्टिकोण से ऐलान का महत्व :
सामाजिक दृष्टिकोण से यह ऐलान विशेष महत्व रखता है। महावीर जयंती के अवसर पर ऐसे संदेश जो अहिंसा और सद्भाव की बात करते हैं, समाज में सौहार्द और शांति की भावना को बढ़ाते हैं। इस प्रकार के ऐलान लोगों को न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी जोड़ने का काम करते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से ऐलान का महत्व :
धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह ऐलान काफी महत्वपूर्ण है। महावीर स्वामी की शिक्षाएँ, जैसे कि अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह, समाज में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा इन शिक्षाओं को याद करवाना और उन्हें अपनाने की अपील करना, न केवल धार्मिक अनुयायियों के लिए बल्कि सम्पूर्ण नागरिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।
महावीर के जीवन के बारे में रोचक तथ्य –
भगवान महावीर के जन्मदिन पर उन्हें विश्वसम्राट (VISWASAMRATRA) कहा जाता है, ये बताते हैं कि उनका जन्म 615 ईसा पूर्व में ‘कही’ में हुआ था। उन्हें बचपन में वर्धमान (VARDHAMAN) नाम मिला जिसका अर्थ तपस्वी होता है।
भगवान महावीर का जन्म लगभग 615 ईसा पूर्व एक शाही परिवार में हुआ था। जब वर्धमान बड़े हुए तो उन्होंने तीस साल की उम्र में अपना राजनीतिक पद त्याग दिया और सत्य और ज्ञान की खोज में अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े। उन्होंने शुद्ध ज्ञान प्राप्त करने के लिए जंगल में बारह वर्षों तक तपस्या की और ध्यान किया | इसके बाद उन्होंने दूर-दूर तक यात्रा करके जैन धर्म के अंतर्गत धर्म का प्रचार किया।
दुनिया भर के जैन लोग महावीर जयंती को खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। भगवान महावीर चौबीसवें तीर्थंकर थे जिन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से शांति और सद्भावना फैलाई। अहिंसा, चोरी न करना, पवित्रता और ग्रहण न करना महावीर की मुख्य शिक्षाएँ हैं। गौतम इंद्रभूति भगवान महावीर के प्रमुख शिष्यों में से एक थे, जिन्होंने मानव जाति के लाभ के लिए अपने गुरु से जो कुछ भी सीखा था उसे लिखा था।
महावीर जयंती को उपवास, भिक्षा-दान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ धार्मिक विद्वानों और नेताओं के व्याख्यानों के साथ-साथ अन्य प्रथाओं जैसे जैन मंदिरों में प्रार्थना करना, भजन गाते हुए जुलूस निकालना (भगवान महावीर के लिए भक्ति गीत), शरीर को शुद्ध करने के लिए उपवास के साथ मनाया जाता है। एवं आत्मा, दान आदि।